शनिवार, 21 अगस्त 2010

हाईकोर्ट से जुड़ी तीन छोटी खबरें

सिविल जज प्री का रिजल्ट घोषित

मप्र हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सिविल जज वर्ग (दो) के 57 पदों की भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा रजिस्ट्रार बीएस भदौरिया ने बताया 8 अगस्त 2010 को हुई परीक्षा में 630 उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य पाया गया है। उम्मीदवारों की सूची हाईकोर्ट की वेबसाइट और सूचना पटल पर उपलब्ध है।


कमल पटेल केस पर आगे बढ़ी सुनवाई

दुर्गेश जाट हत्याकांड में जेल में बंद भाजपा विधायक कमल पटेल की जमानत की एक याचिका पर शुक्रवार हाईकोर्ट में सुनवाई आगे बढ़ गई। वरिष्ठ एडवोकेट जयसिंह के जरिए दायर इस याचिका पर कोर्ट ने सीबीआई से केस डायरी मांगी है। जस्टिस शुभदा वाघमारे की कोर्ट में केस रखा गया था।


स्टॉफ नर्स नियुक्ति में पुरुषों को अंतरिम राहत

स्वास्थ्य विभाग में स्टॉफ नर्स के पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया में हाईकोर्ट ने पुरुष उम्मीदवारों को अंतरिम राहत दी है। भर्ती में केवल महिला उम्मीदवारों को योग्य माना जा रहा था। जस्टिस एससी शर्मा की कोर्ट ने आदेश दिया है कि भर्ती प्रक्रिया में पुरुषों को भी शामिल किया जाए, लेकिन कोर्ट का अंतिम फैसला आने तक उन्हें नियुक्त न दी जाए। कोर्ट ने 25 अक्टूबर के सप्ताह में अगली सुनवाई रखी है।

पत्रिका : २१ अगस्त २०१०

चंदे जुटाने के लिए तैनात किए नोडल अधिकारी

- मंदसौर में मंदिर नवनिर्माण के नाम पर प्रशासनिक जबरदस्ती


मंदसौर जिले के सरकारी दफ्तरों से चल रहे चंदे के धंधे को कामयाब बनाने के लिए मंदसौर, मल्हारगढ़, सीतामऊ और गरोठ में बकायदा नोडल अधिकारी नियुक्ति किए गए हैं। ये नोडल अधिकारी किसी विभाग के सरकारी अधिकारी हैं। इनका काम विभिन्न सरकारी दफ्तरों में रसीद कट्टे पहुंचाना और वहां से रुपए इकठ्ठे करके जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली श्रीपशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति को भेजना है।

'पत्रिकाÓ ने शुक्रवार को ही खुलासा किया था कि पशुपतिनाथ मंदिर के नवनिर्माण के लिए सावन माह में मनोकामना अभिषेक का कार्यक्रम शुरू किया गया है। एक अभिषेक के 2100 या 1100 रुपए तक लिए जा रहे हैं और चंदे का सारा कार्य जिले के सरकारी दफ्तरों से ही संचालित हो रहा है। अब जानकारी मिली है कि कलेक्टर के मौखिक आदेश से बकायदा सभी ब्लॉकों में एक अफसर को नोडल अधिकारी बनाकर चंदा जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह अधिकारी सात-सात दिन में चंदे का हिसाब जिला मुख्यालय पहुंचाता है।

दो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को एक रसीद
सभी कर्मचारियों को रसीद कटवाना अनिवार्य किया गया है। यहां तक कि मामूली मानदेय पाने वाले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी रुपए देना जरूरी है। नोडल अधिकारियों ने फार्मूला निकाला लिया है कि दो मिलकर एक रसीद कटवा लो।


रात-दिन इसी काम में लगे हैं
प्रश्न: क्या आप मनोकामना अभिषेक के लिए रुपए जुटा रहे हैं?
उत्तर: हां, गरोठ, भानपुरा, शामगढ़ के लिए मैं ही नोडल अधिकारी हूं। वैसे, मेरा पद पंचायत विभाग में समन्वयक अधिकारी का है।
प्रश्न: आपको नोडल अधिकारी किसने बनाया?
उत्तर: एसडीएम एएस ओहरिया और जनपद पंचायत सीईओ धर्मपाल मशराम ने।
प्रश्न: अब तक कितने रुपए जुटा लिए हैं?
उत्तर: 40 लाख रुपए इकठ्ठे हो गए हैं। अब तक 2100 जोड़ों को अभिषेक के लिए मंदसौर भेज चुके हैं।
प्रश्न: रुपए इकठ्ठे करने का काम कैसा चल रहा है?
उत्तर: सरपंच, सचिव से लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तक से रुपए ले रहे हैं। सभी काम में लगे हैं।
प्रश्न : इन दिनों आप तो बहुत व्यस्त होंगे ?
उत्तर : रात-दिन काम कर रहा हूं। यही काम चल रहा है। ï
(नोडल अधिकारी ओपी राठौर से चर्चा) 


पत्रिका: २१ अगस्त २०१०