रविवार, 8 सितंबर 2013

शोभा से बगैर मिले लौटे पंकज

कार्यकर्ता ने विरोध में नारे लगाए तो सीढिय़ों से आगे नहीं बढ़ सके संघवी


इंदौर, सिटी रिपोर्टर।

विधानसभा चुनाव में शोभा ओझा का खुल्लम-खुल्ला विरोध करने वाले पंकज संघवी भी गांधी भवन पहुंचे, मगर वे शोभा से मिले बगैर ही लौट गए। कार्यक्रम समाप्ति के बाद शोभा को प्रमोद टंडन कार्यालय में ले गए। इसी दौरान संघवी गांधी भवन की सीढिय़ां चढ़कर ऊपर जाने लगे। इस दौरान वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने उन्हें कांग्रेस का गद्दार बताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ते देख, संघवी ठिठक गए और शोभा से मिले बगैर ही वहां से लौट गए। मालूम हो, वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में इंदौर पांंच में महेंद्र हार्डिया और शोभा ओझा का मुकाबला था और उस समय संघवी ने हार्डिया का साथ दिया था। बाद में पार्टी ने इस बगावत को सही पाया और संघवी को पार्टी से निकाल दिया। हालांकि, जोड़-तोड़ करके संघवी फिर से पार्टी में आ गए और महापौर का चुनाव भी लड़ लिया। इस बार भी वे इंदौर पांच से दावेदारी कर रहे हैं और शोभा के ऊंचे ओहदे पर पहुंचने के बाद उनकी दावेदारी खटाई में पड़ गई है।



सीधी बात...

बहुत भीड़ के कारण नहीं मिला

प्र- क्या आप शोभा का स्वागत करने और मिलने गए थे?

उ- हां, गया था। मैं लेट हो गया था।

प्र- क्या शोभा से आपकी भेंट हुई?

उ- नहीं, मुलाकात नहीं हो सकी। वहां बहुत अधिक भीड़ थी और ऐसे में मिलना ठीक नहीं था, इसलिए मैं लौट आया।

प्र- इसके बाद उनसे मिलने गए?

उ- नहीं, आज नहीं मिला। फिर कभी मिल लूंगा।

प्र- वे तो आपकी धुर विरोधी हैं, क्या आपको उनसे कोई उम्मीद है?

उ- वे परिस्थितियां अलग थीं और उस चुनाव के बाद तो मैं महापौर का चुनाव भी लड़ चुका हूं। मुझे नहीं लगता कि पार्टी को मुझसे कोई परेशानी है।

प्र- आपकी राह में तो शोभा को अड़ंगा माना जा रहा है?

उ- शोभाजी तो नहीं, उनके कुछ समर्थक मुझे परेशान जरुर कर रहे हैं। चुनाव में सब ठीक हो जाएगा।

( कांग्रेस नेता पंकज संघवी से सीधी बात)




  
इंदौर पत्रिका

०१ सितंबर २०१३