मप्र विक्रयकर विभागीय अल्पआय वाले चतुर्थ वर्ग श्रेणी कर्मचारी हाउसिंग सोसाइटी में एक नहीं कई गड़बडिय़ां हुई है। गड़बडिय़ों के लिए दस लोगों पर आरोप सिद्ध हो चुके हैं। पत्रिका के पास मौजूद दस्तावेजों से साफ होता है कि सोसाइटी के कई वर्षों के दस्तावेज गायब हैं।
प्रबंधक के घर पर ऑफिस
जब सोसाइटी का पंजीयन हुआ था तब पता जेल रोड स्थित मदन कोठी पर था। बाद में दो ऑफिस और खुल गए। एक हरसिद्धी में व दूसरा खजराना में। सोबरन सिंह जब महाप्रबंधक बने तो उन्होंने अपने घर 101 चांदनी अपार्टमेंट, बैंक कॉलोनी पर ऑफिस खोल लिया। नियमानुसार यह गलत है।
आयकर विभाग के पास रिकॉर्ड
1991-92 के पहले तक रिकार्ड तत्कालीन कोषाध्यक्ष नबी मोहम्मद के पास था। 23 मार्च 1998 को खजराना ऑफिस पर चोरी हुई व मूल रिकॉर्ड चोरी हो गया। बाद में एक मामले में मयूरनगर निवासी मुश्ताक पिता इदरिस के यहां डले एक आयकर छापे में सोसाइटी का कुछ रिकॉर्ड जब्त किया गया। यह आज भी आयकर विभाग के पास ही है।
अपनों को बना दिया सदस्य
सोसाइटी को वर्ष 1996-97 में खजराना की जमीन मिली परंतु इसके पहले ही सदस्य बनाना व निकालना जारी रहा। संचालक मंडल ने पद का दुरुपयोग करते हुए सदस्य बनाए। सहकारिता विभाग ने इसी कारण संचालक मंडल के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करने की सिफारिश की है।
महाप्रबंधक की गलत नियुक्ति
सोसाइटी अध्यक्ष किरण इंगले ने अप्रैल 1995 को सोबरन सिंह को महाप्रबंधक नियुक्त किया गया। उस वक्त वे सोसाइटी के सदस्य थे। नियमानुसार यह नहीं किया जा सकता है।
ये दस लोग दोषी साबित
सहकारिता विभाग की एक जांच में मौजूदा कर्र्ताधर्ता सोबरनसिंह के साथ ही भूतपूर्व अध्यक्ष किरण इंगले, उपाध्यक्ष रतनलाल राठौर, सचिव प्रदीप दुबे, संचालक रामआसरे मिश्रा, रमेश कुमार महिपाल, पुष्पलता घौसरिया, लियाकत अली, नवी मोहम्मद व शफी मोहम्मद पर पद के दुरुपयोग का आरोप साबित हो चुका है। उधर, एक कोर्ट केस में गुलाम नबी को रिकॉर्ड चोरी का आरोपी साबित किया है।
जांच अभी अधूरी है
सोसाइटी की पूरी जांच नहीं हो सकी है। सहकारी निरीक्षक प्रमोद तोमर व मोनिका सिंह ने तो अंतरिम निरीक्षण रिपोर्ट सौंपी है। इसमें जिन पर आरोप साबित हो चुका है, उन पर कार्रवाई की जाएगी।
- महेंद्र दीक्षित, उपायुक्त, सहकारिता विभाग
जमीन व सोसाइटी मेरे पास
सहकारिता विभाग ने मुझे दोषी बताया है, जो कि गलत है। सोसाइटी का मैं वर्तमान अध्यक्ष हूं। इतना ही नहीं खजराना की पांच एकड़ जमीन भी सरकार ने मेरे नाम की है। चुनाव करवाकर मैं अपने हिसाब से जमीन के प्लॉट वितरित करुंगा।
- सोबरन सिंह, सोसइटी के कर्ताधर्ता
Patrika 03-01-2011
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