शनिवार, 2 अक्टूबर 2010

शिवलिंग के हिस्से को नर्मदा में क्यों बहाया?

- औंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग क्षरण को लेकर मुख्य सचिव से मांगा जवाब

औंकारेश्वर के ज्योर्तिलिंग के टूटे भाग को कलेक्टर ने किसकी अनुमति से नर्मदा में प्रभावित किया? क्या उन्होंने इसके लिए पहले पंचनामा बनाया गया था? वह बेशकीमती पत्थर था, क्या वास्तव में उसे ही बहाया गया है?

ये तीखे सवाल मप्र के मुख्य सचिव अवनि वैश्य से किए गए हैं। सवाल पूछने वाले हैं पर्यावरणविद् और होलकर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. राम श्रीवास्तव। उन्होंने सभी प्रश्नों की जानकारी सूचना का अधिकार में चाही है। डॉ. श्रीवास्तव ने 'पत्रिकाÓ को बताया मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि पिछले दिनों ज्योर्तिलिंग का जो टूकड़ा टूट गया था, वह स्थानीय प्रशासन ने बहा दिया। यह लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा मसला है और किसी प्रशासनिक अधिकारी को इस तरह का फैसला करने का अधिकार नहीं है।

ये सवाल भी पूछे
- ज्योर्तिलिंग के पवित्र अंश की रेडियोधर्मिता पद्धति से आयु का वैज्ञानिक आंकलन क्यों नहीं करवाया गया?
- उज्जैन महाकाल का भी लगातार शरण हो रहा है। राज्य सरकार ने इसे रोकने के लिए अब तक क्या प्रयास किए?
- काबा में पवित्र पत्थर को चांदी में सज्जित किया गया है। ऐसा ही कोई उपाय औंकारेश्वर में क्यों नहीं किया गया?


पत्रिका : ३० सितम्बर २०१० 

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