शुक्रवार, 2 सितंबर 2011

बीस मिनट में तीन किलोमीटर

- राजीव गांधी प्रतिमा से राजेंद्र नगर थाने तक की  सड़क
- महाराष्ट्र के मुसाफिर बोले, हमारे यहां ऐसी सड़क हो तो लोग आग लगा दें


आईए, आपको इंदौर की एक  ऐसी सड़क की सैर कराते हैं, जिसकी लंबाई तीन किमी है और इसे पार करने में वक्त लगता है बीस मिनट। इस बीच में आपकी गाड़ी फंस जाए, तो पता नहीं कितने घंटों बाद आपको राहत मिल सकेगी।
सड़क राजीव गांधी प्रतिमा चौराहा (चौइथराम मंडी चौराहा) से शुरू होती है। शुरू होते ही आपकी परीक्षा शुरू हो जाती है। करीब दो-दो फीट गहरे गड्ढे हैं ओर इनमें पानी भरा हुआ है। जरा सी गफलत हुई और गाड़ी पलट जाएगी। परसों ही गेहूं से भरा ट्रक फंस गया था। उसके एक दिन पहले लकड़ी से लदा ट्राला अड़ गया था। जेसीबी के जोर से गाडिय़ां बाहर आ सकीं। थोड़ा आगे चलते हैं तो गायत्री कुंज और मां विहार कॉलोनी के गेट आते हैं। इनके सामने सड़क टीलों में तब्दील हो चुकी है। थोड़ा आगे जाने पर इंडियन आइल पेट्रोल पंप आता है। यहां जमीन और गड्ढे ही बचे हैं, सड़क लुप्त हो गई है। सरकारी फलबाग के सामने दो गहरे-गहरे ज्वालामुखी के मुंह जैसी आकृतियां जमीन में उकर आई हैं। इनसे बचकर आगे चलें तो राजेंद्रनगर थाने वाले तिराहा है। यहां एक चौथाई मार्ग बचा है।

ट्रक के साथ नापा समय
एमपी-09-एचजी-3788 नंबर के ट्रक में माल लाद कर इंदौर आ रहे नंदू गेहलोत की गाड़ी के साथ पत्रिका टीम ने रास्ता पार करने में खर्च होने वाला समय  नापा। बीस मिनट से अधिक खर्च होने के बाद नंदू अपनी गाड़ी को राजीव गांधी प्रतिमा के सामने लाकर खड़ा कर सका।

रांग साइड घुस रहे लोग
राह इतनी मुश्किल है कि वाहन चालकों को रांग साइड मेें भी घुसना पड़ रहा है। रुट नंबर 2 के सिटी बस चालक ने बताया, ऐसा नहीं करेंगे तो गाड़ी फंस जाएगी। कभी पलट गई तो पता नहीं क्या होगा?

'हमारे यहां इन्हें कुआं कहते हैं
महाराष्ट्र से कारोबार के सिलसिले में इंदौर आए होलाराम ने बताया, इस सड़क पर आकर तो मैं चौंक गया। हमारे यहां इस तरह की सड़क को कुआं कहते हैं। मुझे पहले पता होता कि ऐसे हाल हैं तो इस रुट से कभी नहीं आता।

'रोज महिला-बच्चे फंसते हैं यहां 
गड्ढों के पास रहने वाली सुशीला नागर कहती हैं, हम रोज लोगों को यहां गिरते देखते हैैं। महिलाएं बच्चों को स्कूल छोडऩे जाती हैं। उन्हें देखकर डर लगता है। कई बार फंस जाते हैं, तो हम जाक र मदद करते हैं।

तीन किमी के सफर में छह रुकावटें
(राजीव गांधी प्रतिमा से राजेंद्र नगर थाने तक)

पहली (100 मीटर पर)
चोइथराम मंडी से निकलते ही
दूसरी (500 मीटर पर)
गायत्रीकुंज कॉलोनी के बाहर
तीसरी (1.5 किमी पर)
पुलिया पार करके आया तोलकांटा
चौथी (1.7 किमी पर)
इंडियन आइल पेट्रोल पंप के सामने
पांचवी (2.2 किमी पर)
फलबाग के सामने
छठी (3 किमी पर)
राजेंद्रनगर थाना तिराहे पर

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बंगाली चौराहा से बायपास का बुरा हाल
यही हाल माधवरास सिंधिया प्रतिमा चौराहा (बंगाली चौराहा)से बायपास जाने वाली सड़क का भी है। यहां भी हम आपको बता रहे हैं, बाधाएं। इन्हें पार किए बगैर आप बायपास नहीं पहुंच सकते हैं।

तीन किमी के सफर में पांच रुकावटें
(बंगाली चौराहा से बायपास तक)

पहली (शून्य किमी पर)
चौराहे पर ही सड़क उखड़ी हुई है।
दूसरी (आधे किमी पर)
शहनाई रेसीडेंसी सेकंड के पास, पानी बह रहा है। पैदल चलना सर्कस में करतब दिखाने जैसा है।
तीसरा (पौन किमी पर)
एसआर पेट्रोल पंप के सामने । गिट्टी से सामना होगा।
चौथा (1.25 किमी पर)
शगुन रेसीडेंसी और संचार नगर बस स्टॉप पर।
पांचवा (2 किमी पर)
भारत पेट्रोल पंप के सामने दो गड्ढे जो अचानक सामने आ जाते हैं।
छठा (तीन किमी पर)
शराब की दुकाने के ठीक पहले सड़क के किनारे ध्वस्त हो चुके हैं।
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बारिश के बाद सुधरेंगे हाल
प्र- चोइथराम मंडी से राजेंद्रनगर थाने तक और बंगाली चौराहा से बायपास तक की सड़कें टूट चुकी है?
उ- जी हां, हालात तो उसकी खराब है ही।
प्र- कब बनेगी यह सड़क ?
उ- टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। संभवत: बारिश के बाद ही शुरुआत होगी।
प्र- इस बीच में क्या करेंगे?
उ- अभी तो कुछ भी करने का कोई अर्थ नहीं है। गिट्टी डालेंगे तो वह भी टूट जाएगी।
(पीडब्ल्यूडी चीफ इंजीनियर आरके काला से सीधी बात)

पत्रिका  ०२ सितम्बर २०११ 

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