पांच दिन से 20 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे एमजीएम मेडिकल कॉलेज के 30 जूनियर डॉक्टरों को शनिवार रात सरकार ने निलंबित कर दिया है। ये सभी जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी है। इनसे होस्टल भी खाली करवाए जाएंगे। हड़तालियों को उकसाने का आरोप मढ़ कर सिनीयर रेसीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष को भी निष्काषित किया गया है।
हड़ताल के कारण मरीजों की दुर्दशा देखते हुए शासन ने यह कड़ा निर्णय लिया है। एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. एमके सारस्वत ने बताया शासन के निर्देश के आधार पर देर रात कॉलेज काउंसिल की बैठक बुलाई गई। इसमें निलंबन और बर्खास्तगी का फैसला किया गया। ज्ञात रहे शुक्रवार को चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री महेन्द्र हार्डिया चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आईएस दाणी और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव एसआर मोहंती के साथ जूडॉ की बैठक बेनतीजा रहने और जूडा के हड़ताल खत्म नहीं करने को शासन ने गंभीर लापरवाही माना है। डीन ने बताया जो जूडॉ काम पर लौटेंगे, उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाएगी। मेडिसिन विभाग में पदस्थ एक लेडी डॉक्टर को भी नोटिस दिया जा रहा है, क्योंकि वे पंद्रह दिन से सेवा पर नहीं आई हैं।
व्हिसल ब्लोअर पर सरकारी तंत्र का हमला
हड़ताल करने वालों के साथ ही सिनीयर रेसीडेंट एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. आनंद राय को भी बर्खास्त कर दिया गया है। राय पर आरोप है कि उन्होंने हड़तालियों को उकसाया। डॉ. राय व्हिसल ब्लोअर (भ्रष्टाचार सचेतक) हैं, जो सरकारी तंत्र की बुराइयों को उजागर करते रहते हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में जारी ड्रग ट्रायल के गोरखधंधे के खुलासे में भी डॉ. राय की अग्रणी भूमिका रही है। विभाग के कई डॉक्टरों ने हड़ताल को एक मौके के रूप में लिया और अनावश्यक आरोप लगाकर बर्खास्त करवा दिया। डॉ. राय ने 'पत्रिकाÓ को बताया हड़ताल के दौरान में मैं लगातार ड्यूटी दे रहा हूं। ओपीडी और इमरजेंसी सेवा दे रहा हूं, फिर भी मुझे बर्खास्त कर दिया।
इन्हें किया निलंबित
जेडीए अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया, उपाध्यक्ष जितेंद्र चौहान, सचिव मुकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष विजय शंकर, अपूर्व गर्ग, सहायक सचिव पल्लवी चौधरी, अक्षय गुप्ता, गिरीश चतुर्वेदी, लक्ष्मण अहिरवार, संयुक्त सचिव अनिता सिंह, संक ल्प जोशी, भूपेंद्र चौहान, अफसर खान, सलाहकार अंकित वर्मा, कीर्तिमानसिंह, हिमांशु अग्रवाल, विनय वर्मा, दीपक कुमार, कमेटी कार्डिनेटर अमित यादव, निकेत राय, शिवानी पांडे, यश श्रीवास्तव, एक्जीक्यूटिव सदस्य गौरी राय, विद्या शर्मा, श्रद्धा दक्षा, विभूति तोमर, किशोर जैशी, दीपक शर्मा, मनोज गुप्ता, मनीष करोठिया।
' जितनी कड़ी कार्रवाई करेंगे, उतनी ही मजबूती से हम लड़ेंगे। हमारी मांगे जायज हैं। दरअसल, सरकार बातचीत से मसलों का हल निकालना नहीं चाहती है। मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल पूरे राज्य में जारी रहेगी।Ó
- डॉ. विक्रांत भूरिया, प्रदेश अध्यक्ष, जेडीए
पत्रिका: २२ अगस्त २०१०
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