- केंद्रीय नागर विमानन विभाग ने मप्र सरकार को दिए जांच के आदेश
राज्य के उन वीवीआईपी की जान जोखिम में है जो सरकारी उड़ान सेवा से यात्राएं करते रहते हैं। उनके विमानों को हवा से बातें करने की जिम्मेदार संभालने वाले चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी मप्र फ्लाइंग क्लब में भी सेवाएं दे रहे हैं। केंद्रीय नागर विमानन विभाग ने इसे गंभीर त्रूटि मानते हुए राज्य सरकार को जांच के आदेश दिए हैं।
केंद्रीय नागर विमानन विभाग के सीनियर उडऩयोग्यता अधिकारी आरबी सोनी ने एक जांच में पाया कि मप्र के चीफ ऑपरेटिंग अधिकारी एसएम अख्तर सरकारी सेवा में होने के साथ ही मप्र फ्लाइंग क्लब में बतौर चीफ फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भोपाल काम कर रहे हैं। इससे वीवीआईपी की उड़ान सुरक्षा में भारी चूक की आशंका है। सोनी ने मप्र नागर विमानन संचालक अरुण कोचर को इस मामले की विस्तार से पड़ताल करने के आदेश दिए हैं।
लाखों का भुगतान
सूत्रों के मुताबिक सीएफआई सेवा के लिए एमपी फ्लाइंग क्लब ने एसएम अख्तर को 35 लाख से अधिक का भुगतान किया है। ज्ञात रहे फ्लाइंग क्लब के सचिव मिलिंद महाजन हैं। उनके भाई मंदार महाजन इंदौर में सीएफआई हैं।
तीन बिंदुओं पर होगी जांच
एक: राज्य ने किस नियम के तहत अख्तर को फ्लाइंग क्लब में सीएफआई बनने की अनुमति दी?
दो: एक ही समय में वीआईपी एयरक्राफ्ट का पायलट, एमपी फ्लाइंग क्लब का सीएफआई कैसे रहाï?
तीन: वीआईपी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए?
Patrika 27 Oct 2010
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