मंगलवार, 7 सितंबर 2010

पहले अफसर को सुनाएंगे, फिर करेंगे ममता से बात

इंदौर-दाहोद और छोटा उदयपुर-धार रेल परियोजना में बढ़े बजट पर सांसद की राय


पश्चिम मप्र की दो महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं इंदौर-दाहोद आर छोटा उदयपुर-धार की अनुमानित लागत में आधिकारिक रूप से 482 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी होने की खबर से जनता और नेता दोनों ही अचंभित हैं। इंदौर की सांसद ने तो कहा है कि पहले से जारी रुपए का इस्तेमाल भी अफसरों ने ठीक तरीके से नहीं किया, इसलिए ही बजट में परेशानी आ रही है। रेलवे बोर्ड के अफसरों से चर्चा करने के बाद ही रेल मंत्री ममता बेनर्जी से बात करेंगे।

'पत्रिकाÓ ने रविवार के अंक में जानकारी दी थी कि रेल मंत्री ममता बेनर्जी ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह को पत्र लिखकर जानकारी दी है कि योजना आयोग के बंधन के कारण दोनों परियोजनाओं के लिए धन राशि की कमी आ रही है। इससे 1518 करोड़ की ये परियोजनाएं बढ़कर 2000 करोड़ की हो गई हैं। दोनों परियोजनाओं का शिलान्यास प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ही किया था।

सांसद सुमित्रा महाजन ने 'पत्रिकाÓ को बताया योजनाएं की देरी का कारण रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की लेतलाली भी है। पिछले बजट में इंदौर-दाहोद के लिए 40 करोड़ रुपए  आवंटित हुए थे, लेकिन 6.29 करोड़ ही खर्च किए गए। इस बार भी बजट में इसके लिए 75 करोड़ जारी हुए हैं। इस राशि का चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया तो एक बार फिर बजट लेप्स हो जाएगा।

तीन महीने में बैठक का प्रस्ताव भूले
5 जून को इंदौर में पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक रवींद्रनाथ वर्मा द्वारा बुलाई गई सांसदों की बैठक में सांसदों ने प्रस्ताव रखा था कि इस तरह की बैठक हर तीन महीने में होना चाहिए ताकि रेल परियोजनाओं में हो रही देरी के कारण सबके सामने आ सके, परंतु तीन महीने पूरे होने पर भी इस पर अमल शुरू नहीं हुआ।

सांसदों को साथ लेकर बताएं प्रगति
महाजन का कहना है रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को चाहिए कि आदिवासी इलाकों को प्रगति की धारा में लाने वाली दोनों अहम परियोजनाओं के बारे में क्षेत्रीय सांसदों को साथ ले जाकर जमीनी हकीकत दिखाएं। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक रेलमंत्री ममता बेनर्जी से चर्चा का कोई अर्थ नहीं है।


पत्रिका : ०६ सितम्बर २०१०

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