हवा के जरिए फैलने वाले एच-1 एन-1 वायरस से होने वाले फ्लू (स्वाइन फ्लू) का दायरा पूरे देश में बहुत तेजी से बढ़ रहा है। चार महीने में देश में इससे 1505 लोगों की मौत हो चुकी है। अगस्त से मप्र में भी इसने पांव पसारे और अब तक 27 रोगियों की मृत्यु का कारण बना। मोटे तौर पर रोगियों में से पांच फीसदी की मौत हो रही है।
चौंकाते आंकड़े
- मई से 29 अगस्त तक देशभर में स्वाइन फ्लू के 31 हजार 795 मरीज सामने आए। इनमें से 1505 की मौत हो गई।
- सबसे अधिक 450 मौतें महाराष्टर में हुई। 306 मौतों के कारण गुजरात दूसरे क्रम पर है। राजस्थान में 198 और मप्र में 37 मौतें हुईं।
अब तक मप्र का हाल
जिला पॉजिटिव मौत भर्ती गंभीर
इंदौर 22 12 22 12
भोपाल 28 09 48 39
जबलपुर 35 05 19 02
उज्जैन 05 00 03 03
ग्वालियर 02 01 03 00
कुल 92 27 95 56
डरने से नहीं सावधानी से चलेगी जिंदगी
डॉक्टरों का कहना है फ्लू का वायरस हवा में है और इससे डरने के बजाए सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बाजार में कुछ टीके आए हैं, लेकिन हर व्यक्ति के लिए इन्हें लगा पाना संभव नहीं है।
सामान्य सर्दी-खाँसी एवं फ्लू में फक्र
सामान्यत: प्रतिवर्ष ठंड के मौसम में या उसके आसपास फ्लू होता है। सामान्य सर्दी-खाँसी के अलावा फ्लू में बुखार, हाथ-पैरों कमर में दर्द, सिर दर्द, थकावट आदि तेज लक्षण साथ में होते हैं। लक्षणों के आधार पर दोनों में अंतर करना संभव नहीं है, लेकिन स्वाइन फ्लू से पीडि़त व्यक्ति के संपर्क में आने से आशंका बढ़ जाती है।
सूअर (स्वाइन) से नहीं ताल्लुक
वायरस के संक्रमण के शुरुआती दौर से ही यह भ्रम है कि यह वही फ्लू है जो सूअरों में होता है। लेकिन असल में यह नया वायरस है। अत: सूअर के संपर्क में आने से या उसका मांस खाने से यह नहीं फैलता है।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
- संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से।
- उन वस्तुओं को हाथ लगाने से जिसे संक्रमित व्यक्ति ने छुआ हो। संक्रमित व्यक्ति स्वयं के लक्षण आने के एक दिन पहले से सात दिन बाद तक इसे फैला सकता है।
खुद को बचाने के दस तरीके
- जितना संभव हो हाथ साबुन से धोएँ।
- यदि साबुन उपलब्ध न हो तो अल्कोहल आधारित क्लिनर से हाथ धोएँ।
- संक्रमित व्यक्ति या ऐसा व्यक्ति जिसे स्वाइन फ्लू की आशंका हो, उससे दूरी रखें (कम से कम 6 फुट)।
- यदि आपको स्वयं को स्वाइन फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो घर में रहिए।
- यदि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना भी पड़ता है, तो फेस मास्क या रेस्पिरेटर पहनें।
- स्तनपान कराने वाली माताएँ स्वयं के संक्रमित होने पर ब'चे को दूध न पिलाएँ।
- खाँसी या छींक आने पर टिशु पेपर का इस्तेमाल करें एवं उसे तुरंत डस्टबीन में फेंकें।
- भीड़ वाली जगह पर न जाएँ।
- पानी अधिक मात्रा में पिएँ।
- भरपूर नींद लें, इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
बाजार में टीके, परंतु गारंटी नहीं
स्वाइन फ्लू से स्वयं को महफूज रखने के लिए बाजार में पांच प्रकार के टीके मौजूद हैं, लेकिन विशेषज्ञ इन्हें किसी की किस्म की गारंटी नहीं मान रहे हैं। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन और मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. अशोक वाजपेयी कहते हैं ब'चों, बुजुर्गों, पैरोमेडिकल स्टाफ और कैंसर जैसे गंभीर रोगों के पीडि़तों को टीके लगाए जा सकते हैं। यह अतिरिक्त सावधानी की श्रेणी में रहेगा, लेकिन अभी तक किसी भी टीके के प्रामाणिक परिणाम मौजूद नहीं है। कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. संजय दीक्षित कहते हैं टीके बनाने वाली किसी भी कंपनी ने अपने साहित्य में सफलता का प्रतिशत नहीं लिखा है, जबकि हर टीके में यह अवश्य लिखा जाता है। एक वर्ष पहले आई बीमारी के टीकों की सफलता संदिग्ध ही है, इसलिए इन्हें अंतिम रास्ता नहीं माना जा सकता। उधर, नेसोवेक नाम का नेज़ल स्प्रे वाला टीका बनाने वाले सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मनीष कपूर कहते हैं अध्ययन में हमारे टीके की सफलता प्रमाणित हुई है और केंद्र सरकार की जरूरी अनुमति से ही टीके बनाए जा रहे हैं। टीकों के होलसेलर क्वालिटी ड्रग हाउस संचालक मधुर शर्मा के मुताबिक एक सप्ताह से फोन अटेंड करके परेशान हो गया हूं क्योंकि हर कोई टीके और नेज़ल स्प्रे के बारे में जानना चाहता है। अस्पताल संचालक, लायंस क्लब, स्कूल संचालक समूह में टीका लगाने के लिए खरीदी कर रहे हैं। फिलहाल, मांग पूर्ति से अधिक है।
टीका कंपनी यहां बना एमआरपी प्रकार
एग्रीपोल नोवारटिस इटली 595 रु (एक डोज) इंजेक्शन
इन्फ्लूवेक सोलवेक्स नीदरलैंड 650 रु (एक डोज) इंजेक्शन
इन्फ्लूजीया लूपिन चीन 650 रु (एक डोज) इंजेक्शन
फ्लूरिक्स जीएसई बेल्जीयम -- (एक डोज) इंजेक्शन
नेजोवेक सिरम पूणे 790 रु (पांच डोज) नेजल स्प्रे
पत्रिका : ०३ सितम्बर २०१०
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें