गुरुवार, 30 सितंबर 2010

बड़े सवालों के जवाब पर मांगी तारीख

शहर विकास के अहम बिंदुओं से जुड़े जनपयोगी मसलों पर मौन

शहर विकास से जुड़े दस अहम सवालों पर इंदौर विकास प्राधिकरण ने शनिवार को हुई जन उपयोगी लोक अदालत में जवाब पेश नहीं किया। जवाब पर साहब के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, कहकर नई तारीख मांगी गई है। सवाल विकास मित्र दृष्टि के किशोर कोडवानी ने उठाए थे।

वे जानना चाहते हैं कि जो नए रहवासी क्षेत्र बसे हैं या बस रहे हैं। उनमें धर्म स्थलों, बिजली ट्रांसफार्मर, कचरा पेटी, हॉकर्स झोन, सब्जी मंडी, पान-चाय-पंचर की दुकानों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं? जन संख्या आधारित पानी की टंकियों, ड्रेनेज पानी निकासी, फिल्टर प्लांट, पंपिंग स्टेशन का क्या इंतजाम किया गया है? पारंपरिक जल स्त्रोतों के संवर्धन की क्या कार्ययोजना है? नर्मदा परियोजना के लिए सामंजस्य की क्या योजना है? कोडवानी ने बताया पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आईडीए के साथ बैठक करने का सुझाव दिया था। इसी पर 16 सितंबर को बैठक हो चुकी है, परंतु जवाब पेश ही नहीं किया गया है। आईडीए अधिकारी केपी माहेश्वरी ने बताया जवाब तैयार हो गया है, लेकिन अवकाश के कारण हस्ताक्षर नहीं हो सके। अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी, तब सभी के सिलसिलेवार जवाब दे दिए जाएंगे।

बची हुई टंकियों का परीक्षण कराएं
एक अन्य केस में अदालत ने निगम को आदेश दिया है कि कोडवानी को शीघ्र 30 प्रतिशत टंकियों का निरीक्षण करवाएं और शेष दस्तावेज भी उन्हें उपलब्ध कराएं।

आईडीए के पास 49871 पेड़
आईडीए ने एक केस में जवाब पेश करके कोर्ट को बताया कि उसकी योजनाओं में 49 हजार 871 पेड़ लगे हैं। उधर, निगम पहले ही बता चुका है कि 370 बगीचों में करीब 9800 और सड़कों के किनारे करीब 13 हजार 700 पेड़ लगे हैं।

पत्रिका : २६ सितम्बर २०१०

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें