गुरुवार, 30 सितंबर 2010

हमने कोर्ट के आदेश पर ही की कार्रवाई

- मनी सेंटर मामले में हाईकोर्ट में आईडीए का जवाब पेश

भूमाफिया बॉबी छाबड़ा के विवादित मनी सेंटर की लीज निरस्ती के मामले में आईडीए ने हाईकोर्ट में जवाब पेश कर दिया है। आईडीए ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के अनुसार ही पूरी कार्रवाई की गई है। लीज शर्तों का उल्लंघन करने के कारण ही लीज निरस्त करके मनी सेंटर पर कब्जा लेने का फैसला किया गया है। इस जवाब पर 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

मनी सेंटर के दुकान मालिक मंजुलता गर्ग और विनय जैन ने याचिका में तर्क दिया है कि लीज शर्तों के आधार पर तय तमाम औपचारिकताएं पूरी देखकर ही डॉ. सजनी बजाज से दुकानें खरीदी गई हैं। भले ही लीज निरस्त हो जाए, लेकिन कानूनन उन्हें हटाया नहीं जा सकता है। कोर्ट में आईडीए ने इसी पर जवाब पेश करके बताया चूंकि हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि दुकान मालिकों की सुनवाई करके ही फैसला करें, इसलिए सुनवाई पूरी कर ली गई है। इसके बाद ही लीज निरस्त का कदम उठाया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर सिनीयर एडवोकेट एके सेठी ने आईडीए के जवाब पर तर्क प्रस्तुत करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। इसी पर जस्टिस एससी शर्मा की कोर्ट ने अगली तारीख तय की। आईडीए की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट अशोक कुटंबले और डॉ. सजनी बजाज की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट जीएम चाफेकर ने पैरवी की।
पत्रिका : २९ सितम्बर २०१०

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