उद्योग मंत्री कैलाश विजयगर्वीय ने भाजपा कार्यकर्ताओं का संदेश दिया है कि सिर काटकर लाने पर भी वे कार्यकर्ताओं की मदद कर देंगे, परंतु पेड़ काटकर लाए तो सजा मिलेगी। उन्होंने खुद ही अपने इस संदेश को जनता के बीच में हंसते-हंसते सुनाया।
विजयवर्गीय रविवार को महू विधानसभा क्षेत्र के आशापुरा गांव में वन मंत्री सरताज सिंह के साथ पौधारोपण कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल हुए। उक्त कथन की जानकारी देते हुए उन्होंने मंच से ही कहा यह बात मैंने पिछले दिनों कार्यकर्ताओं की एक बैठक में भी कही थी।
कैमरे बंद करवाए
विजयवर्गीय ने मौजूद मीडियाकर्मियों की ओर इशारा करके कहा, अपने कैमरे बंद कर लो, क्योंकि अब मैं जो बोलूंगा वह छापना या दिखाना नहीं है। वैसे भी मुझे मालूम है महू के पत्रकार काफी समझदार हैं।
खाली जमीन देख मुंह में आता है पानी
जमीन विवादों से घिरे कैलाश ने यह भी कह डाला कि सरकार की खाली पड़ी जमीनों के देखकर हमारे मुंह में पानी आता हैं। बाद में थोड़ा संभलकर बोले खाली पड़ी जमीन पर लोग कब्जा कर लेते है, इससे अच्छा है उन पर पौधारोपण कर दिया जाए।
भाजपा को ये क्या हो गया
नितिन गडकरी, राष्टरीय अध्यक्ष
13 मई - बड़े दहाड़ते थे शेर जैसे, बाद में कुत्तों की तरह सोनिया और कांग्रेस के तलवे चाटने लगे। (मुलायम और लालू यादव के लिए)
4 जुलाई - फांसी का मुद्दा क्यों लटका रखा है, क्या अफजल गुरु कांग्रेस का दामाद है ?
12 जुलाई -दिग्विजय आजमगढ़ क्यों जाते हैं, क्या वे औरंगजेब की औलाद हैं।
प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष
16 जुलाई- मुझे चिंता होने लगी है कि कहीं दिग्विजय सिंह नक्सलियों के एजेंट तो नहीं।
29 जुलाई- समाज से कोर्ट चलता है, कोर्ट से समाज नहीं। कल से कोर्ट कह देगा तो क्या दीपावली भी नहीं मनाएंगे? क्या मिठाई नहीं खाएंगे? रोक के बाद पटाखे तो फोड़े जाते हैं। इंदौर में क्या धारा 370 लगी है ...जम्मू-कश्मीर है क्या?
31 जुलाई - बीएसएफ और सीआरपीएफ, सब डकैत हो गए हैं। ये लोग हथियारों और बंदूकों की तस्करी कर रहे हैं और नक्सलियों को बेच रहे हैं।
पत्रिका में २ अगस्त २०१० को प्रकाशित
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