- सुरेश सेठ ने लोकायुक्त के वकील को कोर्ट में दी चुनौती
- तमतमाए वकील ने कहा मुझसे ऐसी बातें न कहें
- कोर्ट ने भी पूछा क्यों नहीं आए आपके एसपी
उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय अंौर विधायक रमेश मेंदोला से जुड़े 100 करोड़ की जमीन घोटाले के मामले की सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता सुरेश सेठ ने लोकायुक्त पुलिस के वकील को कोर्ट में ही खुली चुनौती दे दी। कोर्ट ने जब वकील से पूछा आपके एसपी क्यों नहीं आए, तो सेठ तपाक से बोले इनके एसपी में दम नहीं जो यहां आ जाए। बाद में कोर्ट ने एसपी को बुलाने को कहा, लेकिन वे नहीं आए।
विशेष न्यायाधीश एसके रघुवंशी की कोर्ट में दोपहर 12 बजे लोकायुक्त डीएसपी अशोक सोलंकी और विशेष लोक अभियोजक एलएस कदम घुसे। जैसे ही उन्होंने कोर्ट को बताया हमने 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है, वैसे ही सेठ ने बोले मुझे तो इसकी कॉपी ही नहीं दी गई। कोर्ट तत्काल आदेश दिया कि एक कॉपी इन्हें दे दी जाए। जिरह शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद सोलंकी रिपोर्ट लेने के बहाने बाहर चले गए और आखिर तक नहीं लौटे। तब सेठ के सवालों का सामना कदम को ही करना पड़ा। इसी दौरान कोर्ट ने पूछा एसपी वीरेंद्रसिंह कहां हैं?
इतना दबाव है, तो नौकरी क्यों कर रहे
सेठ ने कहा लोकायुक्त के अफसरों पर कैलाश विजयवर्गीय का भारी दबाव है इसी कारण रिपोर्ट में उसका नाम तक नहीं है। अगर दबाव में ही काम करता है तो इन लोगों को नौकरी करने की जरूरत ही क्या है? इस पर कदम थोड़ा तेश में आ गए, उन्होंने कहा मैं तो वकील हूं और मुझे किसी के दबाव में आने की जरूरत नहीं है। सेठ ने उन्हें संभालते हुए कहा मैं आपको बेईमान नहीं कह रहा हूं, आप तो ईमानदार हैं। कदम ने कहा ईमानदारी के लिए मुझे आपके प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।
'कह दो ना, वह ईमानदार हैंÓ
कोर्ट में हुई जिरह के दौरान सेठ लोकायुक्त पुलिस के अफसरों से कहा भाई, या तो कह दो कि कैलाश बेईमान है या कह दो नहीं है। यह यह ही
'वह डॉन है, इसलिए गुर्गों को फंसा दियाÓ
कोर्ट के बाहर आते ही सेठ ने विजयवर्गीय पर आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा वह दाऊद जैसा डॉन है, इसलिए सब डरते हैं। जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, उनमें से अधिकांश उसके गुर्गें हैं। डॉन तो ऐसा ही करता है, गुर्गों को फंसा देता है। जब सरकार डरती है, तो लोकायुक्त क्यों नहीं डरेंगे।
'दो-दो करोड़ में विधायकों को खरीदने की ताकतÓ
सेठ ने मीडिया को यह भी कहा कि विजयवर्गीय मप्र का मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहा है।
गुर्गों ने खींचे पत्रकारों के फोटो
सुनवाई के दौरान कैलाश-मेंदोला के गुर्गे भी कोर्ट में मौजूद थे। केस का मीडिया कवरेज कर रहे पत्रकारों पर उनकी नजर थी। कोर्ट के बाहर उन्होंने पत्रकारों के फोटो भी अपने मोबाइल में ले लिए।
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