मंगलवार, 28 सितंबर 2010

अनुमति लिए बगैर निकली जीतू की रैली

- जनहित याचिका की सुनवाई में प्रशासन ने मानी गलती
- गलती क्यों और किससे हुई, पर चार सप्ताह में देना होगा जवाब



प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष जीतू जिराती की स्वागत रैली के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सोमवार को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के जस्टिस एसएस केमकर एवं जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की युगलपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट के समक्ष प्रशासन ने मंजूर किया है कि यह रैली बगैर अनुमति के निकाली गई। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस संबंध में चार सप्ताह में जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता नंदानगर निवासी संजय मित्तल की ओर से एडवोकेट पीके शुक्ला एवं एमएस चौहान ने पेश की है। चौहान ने 'पत्रिकाÓ को बताया केस में 13 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। नगरनिगम और जिला प्रशासन के जवाब के आधार पर ही याचिका की अगली दिशा तय होगी।

यह है जनहित
- रैली के कारण सात घंटे तक इंदौर जाम में फंसा रहा।
- रैली में हथियारों का खुलकर उपयोग किया गया, जिससे जनता में दहशत फैली।
- रैली के लिए लगाए गए मंचों की बिजली चुराकर ली गई।
- रैली के लिए रास्ते रोक दिए गए, जिनपर जनता का अधिकार रहता है। 

 पत्रिका : २१ सितम्बर २०१०

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